8th Pay Commission Big Upadte: आठवीं वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू होने को है और करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों के मन में अपनी बड़ी हुई सैलरी का कैलकुलेटर घूम रहा है अभी तक कर्मचारियों के बीच आम धारणा यही थी कि 1 जनवरी 2025 को आठवां वेतन आयोग लागू हो जाएगा और उस तारीख तक का सारा महंगाई भत्ता बेसिक पे में मिला दिया जाएगा और फिर उसी पर फिटमेंट फैक्टर लगाकर नई सैलरी बना दी जाएगी। लेकिन एक्सपर्ट द्वारा बताया गया यह एंगल चौंकाने वाला है क्योंकि इसके पीछे कुछ ठोस तर्क भी बताई जा रहे हैं।
50% महंगाई भत्ते का नियम
महंगाई भत्ते को लेकर स्थापित नियम कहता है कि जब तक महंगाई भत्ता 50% के लेवल को टच कर जाता है तो फिर उसे बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाना चाहिए जनवरी 2024 में महंगाई भत्ता 50% हो गया था लेकिन सरकार ने इस मर्ज नहीं किया एक्सपर्ट्स की माने तो सरकार ने जानबूझकर इसको 8वें वेतन आयोग के लिए रोक कर रखा है और वह इसी 50% बेंचमार्क को आधार बन सकती है 61% को नहीं। जैसा की 2016 में सातवें वेतन आयोग के वक्त हुआ था सरकार ने उसे समय महंगाई भत्ते को ही मर्ज करके गणना करी थी साथ ही बेस ईयर भी बदल दिया था इससे सरकार को वित्तीय भोज उठाना पड़ा था लेकिन इस बार गणना के लिए सरकार ने अलग प्लान बनाया है।
कैसे बदलेगा बेस ईयर क्या है पूरा खेल
पूरा खेल बेस ईयर का बदलना है वर्तमान में महंगाई भत्ता गणना करने के लिए बेस ईयर 2016=100 है अब उम्मीद की जा रही है कि आठवां वेतन आयोग लागू होने के साथ-साथ ही सरकार बेस ईयर को बदलकर 2026=100 कर देगी। अगर बेस ईयर बदल दिया जाता है तो महंगाई भत्ते की गणना करने का पूरा तरीका ही रिसेट हो जाएगा ऐसे में 61% महंगाई भत्ता को मर्ज करने का कोई तकनीकी आधार भी नहीं रह जाएगा और सरकार के लिए यह तर्क देना बिल्कुल आसान हो जाएगा की 50% के बेंचमार्क को मर्ज करके एक नई शुरुआत हो रही है।
बेस ईयर को लेकर क्या है सरकार का मास्टर प्लान
महंगाई भत्ते की गणना कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स के आंकड़ों के आधार पर की जाती है और इसी इंडेक्स का एक बेस ईयर यानी कि आधार वर्ष भी होता है जिसके आधार पर महंगाई भत्ता की तुलना की जाती है मौजूदा नियम देखा जाए तो महंगाई भत्ता गणना बेस ईयर 2016 है इसे सातवें वेतन आयोग के लागू होने पर सेट किया गया था अब आठवां वेतन आयोग एक जनवरी 2026 से लागू होने जा रहा है तो सरकार महंगाई भत्ता की गणना के लिए बेस ईयर को भी बदलकर 2026 कर सकती है बेस यर बदलना किसी गेम स्कोर को रिसेट करना जैसा ही होता है जब बेस ईयर नया हो जाएगा तो महंगाई भत्ते की गिनती नए सिरे से यानी की जीरो से शुरू की जाती है।
दोनों पे कमिशन के बीच DA कैलकुलेशन क्या बदलेगा
आसान भाषा में समझ तो महंगाई भत्ता बेस ईयर 2016 को आठवीं वेतन आयोग में 2026 कर दिया जाएगा वहीं पुरानी महंगाई भत्ते को देखा जाए तो सातवें वेतन आयोग में 125% महंगाई भत्ता को बेसिक सैलरी में मर्ज किया गया था अब आठवीं वेतन आयोग में 60 से 61% महंगाई भत्ते को नई बेसिक सैलरी में मर्ज किया जाएगा वहीं महंगाई भत्ते की शुरुआत की बात की जाए तो सातवें वेतन आयोग में जीरो से शुरू हुआ था तो यहां 8वें वेतन आयोग में भी जीरो से शुरू होगा गणना के आधार की बात की जाए तो 2016 की कीमतों के आधार पर गणना की गई थी वहीं 2026 की कीमतों के आधार पर 8वें वेतन आयोग में गणना की जाएगी अंतिम परिणाम की बात की जाए तो बेसिक सैलरी बढ़ी और कुल वेतन भी बढ़ा 8वें वेतन आयोग में नई बेसिक सैलरी और भी ज्यादा बढ़ जाएगी कुल वेतन में बड़ा उछाल आएगा। यह बदलाव कर्मचारियों के लिए बड़ा फायदा साबित होगा क्योंकि जब आपका भविष्य महंगाई भत्ते का आपकी नई और बड़ी हुई सैलरी पर कैलकुलेट होगा तो मिलने वाली रकम भी ज्यादा मिलेगी इससे आपकी कुल सैलरी में समय के साथ-साथ और भी तेज बढ़ोतरी होगी।