Contract Employees Salary News: मध्य प्रदेश में अलग-अलग विभागों में कार्य कर रहे आउटसोर्स और संविदा कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग में शामिल करने की मांग तेज हो चुकी है इसको लेकर केंद्र सरकार को आउटसोर्स संविदा कर्मचारियों ने चेतावनी भी दे दी है अगर उनकी मांगों को नहीं माना जाता है तो प्रदेश भर में आंदोलन किया जाएगा लिए जानते हैं संविदा कर्मचारियों की क्या-क्या मांगे हैं।
Contract Employees Salary News
केंद्र सरकार ने जनवरी में 8वें वेतन आयोग की घोषणा कर दी है इसके अंतर्गत देश भर के लगभग 48 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी और 50 लाख से अधिक पेंशन धारकों को लाभ मिलने वाला है 2026 से नया वेतन आयोग लागू किया जा सकता है उसी हिसाब से साल में नई सैलरी की व्यवस्था लागू की जाएगी इसी फैसले को आधार बनाते हुए मध्य प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को फायदा होगा अब प्रदेश के अंदर आउटसोर्स और संविदा कर्मचारी भी अपने हक के लिए मांग उठा रहे हैं।
मध्य प्रदेश के ऑल डेवलपमेंट आउटसोर्स संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव और सहसंयोजक कृष्ण गोपाल पुरोहित ने केंद्र सरकार से मांग की है की 8वें वेतन आयोग में एमपी के आउटसोर्स और संविदा कर्मचारियों को भी शामिल किया जाए इसके अतिरिक्त उन्होंने कर्मचारी जो कि कई सालों से वेतन प्राप्त कर रहे हैं लेकिन अब तक उनके साथ न्याय नहीं किया गया है उन्होंने 8वें वेतन आयोग में शामिल करने की मांग केंद्र सरकार से की है जिससे संविदा कर्मचारियों को भी 8वें वेतन आयोग का लाभ मिल सके।
आउटसोर्स कर्मचारी का वेतन बढ़ाने की मांग
मध्य प्रदेश संगत मोर्चा का कहना है कि दिन प्रतिदिन महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन आउटसोर्स कर्मचारी की आमदनी ने कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है जिससे उनके जीवन ज्ञापन में काफी परेशानी देखने को मिल रही है वहीं मोर्चा ने फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की भी मांग की है जिससे न्यूनतम वेतन 40000 से ₹50000 तक हो सके वहीं आयोग की सिफ़ारिशें तैयार की जा रही है तो सभी वर्गों को ध्यान में रखकर इन्हें तैयार की जानी जरूरी है।
संविदा कर्मचारियों ने दी बड़े आंदोलन की चेतावनी
संविदा कर्मचारियों को कहना है कि प्रदेश के अंदर अलग-अलग विभागों में लाखों की संख्या में संविदा कर्मचारी कार्य कर रहे हैं सरकार द्वारा ना तो उनकी सैलरी बढ़ाई गई है ना ही सैलरी पूरी तरह से सुरक्षित है ना ही इनका वेतन निर्धारित प्रारूप में मिलता है इन कर्मचारियों पर भी कभीमजदूर की तरह काम लिया जाता है जबकि वेतन के नाम पर इंतजार करना पड़ता है इन्हीं सबको देखते हुए कर्मचारी संगठनों ने साफ कर दिया है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।